खाटूश्याम की आरती

ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे । खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे॥

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Last updated Tue, 21-Mar-2023 Hindi-gujarati

ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे ।

खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे॥

ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे ।

रतन जड़ित सिंहासन, सिर पर चंवर ढुरे ।

तन केसरिया बागो, कुण्डल श्रवण पड़े ॥

ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे ।

गल पुष्पों की माला, सिर पार मुकुट धरे ।

खेवत धूप अग्नि पर, दीपक ज्योति जले ॥

ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे ।

मोदक खीर चूरमा, सुवरण थाल भरे ।

सेवक भोग लगावत, सेवा नित्य करे ॥

ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे ।

झांझ कटोरा और घडियावल, शंख मृदंग घुरे ।

भक्त आरती गावे, जय-जयकार करे ॥

ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे ।

जो ध्यावे फल पावे, सब दुःख से उबरे ।

सेवक जन निज मुख से, श्री श्याम-श्याम उचरे ॥

ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे ।

श्री श्याम बिहारी जी की आरती, जो कोई नर गावे ।

कहत भक्त-जन, मनवांछित फल पावे ॥

ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे ।

जय श्री श्याम हरे, बाबा जी श्री श्याम हरे ।

निज भक्तों के तुमने, पूरण काज करे ॥

ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे ।

ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे।

खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे॥

ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे ।